थाने में नकली दारोगा बनकर पहंचा सख्स गिरफ्तार
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Agra News: थाने में नकली दारोगा बनकर पहंचा सख्स गिरफ्तार, आइडी कार्ड के नंबर से खा गया मात

थाने में नकली दारोगा बनकर पहंचा सख्स गिरफ्तार

थाने में नकली दारोगा बनकर पहंचा सख्स गिरफ्तार

आगरा। आगरा के हरीपर्वत थाने में बंद बुकी को छुड़ाने एक फर्जी दारोगा पहुंच गया। थाने में तैनात असली दारोगा काे 92 हजार रुपये घूस देने का प्रयास किया। आरोपित ने अपना पहचान पत्र दिखाया तो दारोगा काे शक हो गया। उसे पकड़ लिया। पूछताछ की तो पता चला कि वह फर्जी दारोगा है। आरोपित ने सिफारिश के दौरान मोती कटरा इलाके के पार्षद प्रवीन पटेल का नाम लिया था। पुलिस ने अभियोग में उसे भी आरोपित आरोपित बनाया है।

तीन सटाेरियों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

प्रभारी निरीक्षक हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि पुलिस ने अज्जू लंगड़ा गिरोह के तीन सटोरियों को गिरफ्तार किया था। उनसे नशीला पदार्थ भी मिला था। जिसके चलते आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई की गई थी। सोमवार की शाम को एक युवक थाने आया। दारोगा निशामक त्यागी से मिला। उसने अपना नाम रफीक चौहान बताया। कहा कि उसे पार्षद प्रवीन पटेल ने भेजा है। जिसके बाद वह गिरफ्तार आरोपितों की सिफारिश करने लगा।

 

आरोपित ने रिश्वत देने का किया प्रयास

रफीक ने दारोगा निशामक त्यागी से कहा कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में एक आरोपित राजकुमार है। उसे छुड़ाना है। एक अन्य आरोपित अजय गोयल उर्फ अज्जू लंगड़ा को फरार दिखाया है। अभियोग की विवेचना में उसका नाम निकलवाना है। जिसके बाद रफीक ने दारोगा का अपना पहचान पत्र दिखाया। उस पर पीएनओ नंबर नहीं लिखा था। जबकि पुलिस विभाग द्वारा यह नंबर भर्ती के बैच से संबंधित होता है। नंबर न होने पर दारोगा निशामक त्यागी को शक हुआ। आरोपित ने उन्हें 92 हजार रुपये देने का प्रयास करने लगा।

फर्जी दारोगा से पूछताछ

पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि आरोपित से पूछताछ में उसके फर्जी दारोगा होने का पता चला। उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है। आरोपित का वास्तविक नाम उजैर खान है। वह साबुन कटरा नाई की मंडी का रहने वाला है। आरोपित पार्षद प्रवीन पटेल का परिचित है। अभियोग में प्रवीन पटेल को भी आरोपित बनाया गया है।

पार्षद का पहले भी विवादों में सामने आ चुका है नाम

पुलिस ने पार्षद का नाम सामने आने के बाद उसके बारे में छानबीन की। उसके बारे में कई जानकारी मिलीं। जिसके आधार पर उसे आरोपित बनाया है। पुलिस के अनुसार पार्षद का नाम पहले भी विवादों में सामने आ चुका है।